प्रतापगढ़15 मिनट पहले
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प्रतापगढ़ में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में कुंडा से विधायक राजा भइया के भाई और MLC अक्षय प्रताप सिंह गोपाल को बुधवार को 7 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं गुरुवार को उनको मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है। सजा सुनाए जाने के दूसरे ही दिन निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपाल को जमानत मिल गई है। उनकी जमानत अर्जी मंजूर हो गई।
अक्षय की रिहाई की प्रक्रिया शुरू
सजा के खिलाफ उन्होंने जिला सत्र न्यायालय में अपील की थी। इस पर सुनवाई करते हुए एडीजे संतोष कुमार ने दो लाख के पर्सनल बांड और दो-दो लाख के जमानतदार दाखिल करने पर अक्षय की जमानत मंजूर कर ली है। उन्होंने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के आदेश को अपील अवधि तक के लिए स्थगित कर दिया है। अब अक्षय की रिहाई की प्रक्रिया चल रही है। गुरुवार देर शाम वो जेल से बाहर आ सकते हैं। वो अब एमएलसी का चुनाव भी लड़ सकते हैं।
MLC अक्षय प्रताप सिंह को गुरुवार को MP/MLA कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया था। मंगलवार को MLC अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में कोर्ट ने एक दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया गया था।
साल 1997 में दर्ज हुआ था केस
बता दें कि, साल 1997 में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला सामने आया था। इस पर तत्कालीन कोतवाल डीपी शुक्ला ने नगर कोतवाली में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में अक्षय प्रताप पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
पत्नी ने MLC के लिए किया नामांकन
अक्षय प्रताप सिंह की पत्नी मधुरिमा सिंह ने MLC चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन भरा था। निवर्तमान MLC अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी की पत्नी मधुरिमा सिंह, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केएन ओझा, रामदयाल वर्मा और राजेंद्र मौर्य (गंभीरा) ने निर्दलीय और पूर्व विधायक हरिप्रताप सिंह ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। सपा प्रत्याशी विजय बहादुर यादव के प्रस्तावक ने सोमवार को एक और सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया।
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